नशे की लत छुड़वाकर सही राह पर लाने का प्रयास - नशामुक्त चूरू अभियान
चूरू जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा जिले को नशामुक्त कर स्वच्छ व सुंदर बनाने की मुहिम पर काम कर रहे हैं। जिले को नशामुक्त करने और नशे की जद में आ चुके लेागों को लत छुड़वाकर सही राह पर लाने के लिए जिले में नशामुक्त अभियान संचालित किया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य चूरू को स्वच्छ व सुंदर बनाते हुए सामाजिक सुधार के साथ नागरिक दायित्वों की समझ विकसित करना है। नशे के दुष्प्रभावों से समाज को बड़ा वर्ग परेशान है। नशे की व्याधि के कारण न केवल व्यक्ति विशेष से प्रभावित होता है, बल्कि परिवार में भी आर्थिक-सामाजिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। समाज की आधारशिला कही जाने वाली महिलाएं इससे सर्वाधिक प्रभावित होती हैं। घरेलू हिंसा एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराध नशे का प्रमुख दुष्परिणाम हैं। अभियान के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा समाज में नशे की बढ़ती समस्या को रोकने और जन जागरूकता के लिए संकल्पित प्रयास किए जा रहे हैं।
जन जागरूकता अभियान, शैक्षणिक और प्रशिक्षण कार्यशालाएं -
जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए रैली, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक व रेडियो पर संदेश आदि माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वहीं स्कूलों, कॉलेजों, और ग्रामीण क्षेत्रों में नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सोशल मीडिया पर भी जागरूकता के लिए वीडियो और इन्फोग्राफिक्स का उपयोग किया जाएगा और प्रचार-प्रसार की सामग्री भी तैयार की जाएगी।
अभियान के व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छात्रों, युवाओं और अभिभावकों के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। वहीं स्थानीय संगठनों और एनजीओ के साथ साझेदारी कर नशा मुक्ति के उपायों की जानकारी दी जाएगी।
काउंसलिंग, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाएं और उपचार -
अभियान को सफल बनाने के लिए नशे की जद में आ चुके लोगों को बेहतरीन वातावरण के साथ काउंसलिंग सत्रा का आयोजन कर जागरूक किया जाएगा। उन्हें नशे की प्रवृति से दूर करने के लिए संकल्पित प्रयास किए जाएंगे। इसी के साथ नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों और उनके परिवारों को सहायता दी जाएगी। नशे की जद में आ चुके लोगों के पुनर्वास हेतु जिले में प्रभावी नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसी के साथ उन्हें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सेवाएं लेते हुए मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जाएगी और संदर्भ सामग्री तैयार की जाएगी।
अभियान अंतर्गत नशे की जद में आ चुके लोगों को नशा छोड़ने के लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी तथा नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
समुदाय आधारित पहल, प्रेरणा और सम्मान -
अभियान को गांव स्तर तक सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा तथा स्वयं सेवकों और समुदाय के बुजुर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
अभियान अंतर्गत प्रतिभागियों व सहयोगियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान भी किया जाएगा। इसमें नशा मुक्त व्यक्तियों और परिवारों को सम्मानित किया जाएगा व युवाओं को खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करने पर कार्य किया जाएगा।
कानूनी और प्रशासनिक उपाय -
जिले को नशामुक्त बनाने के लिए जागरूकता सहित कानूनी व प्रशासनिक उपाय भी किए जाएंगे। इन उपायों में अवैध नशे के व्यापार पर सख्त कार्रवाई, पुलिस और प्रशासन की सतर्कता बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
संपर्क, सहयोग, मॉनीटरिंग और मूल्यांकन -
अभियान को सफल बनाने व गांव -गली तक नशामुक्त का संकल्प प्रसारित करने के लिए सामाजिक संगठनों, स्कूलों, और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय किया जाएगा। इसी के साथ राष्ट्रीय नशा मुक्ति कार्यक्रम जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए संकल्पित प्रयास किए जाएंगे। अभियान अंतर्गत जिला प्रशासन व विभागीय स्तर पर मॉनीटरिंग की जाकर प्रगति का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। इसी प्रकार नशा मुक्त गांव/क्षेत्रा बनाने पर फोकस किया जाएगा।
मजबूत विभागीय समन्वय -
नशा मुक्त चूरू अभियान की शत-प्रतिशत क्रियान्विति और अपेक्षित उद्देश्य प्राप्ति के लिए मजबूत विभागीय समन्वय पर फोकस किया गया है। अभियान अंतर्गत महिला अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग, कॉलेज शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, नेहरू युवा केन्द्र, खेल विभाग, पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, औषधि नियंत्राक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग (आईईसी प्रकोष्ठ), समेकित बाल विकास सेवाएं, लीड बैंक मैनेजर सहित विभागों के मजबूत समन्वय से सभी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

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