सरकारी स्कूलों में कोडिंग व सॉफ्टवेयर डवलपमेंट सिखाएगा - कोड-चूरू
चूरू जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने विद्यालयों में ही बच्चों को आधुनिक व तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए जिले में माह नवंबर, 2024 से ‘कोड-चूरू’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम से बच्चे अब सरकारी स्कूलों में कोडिंग व सॉफ्टवेयर डवलपमेंट सीख रहे है।
इस दूरदर्शी सोच के साथ बच्चों में तकनीकी कौशल सहगामी पाठ्यक्रम के रूप में विकसित हो रहा है। जिला प्रशासन के नवाचार का उद्देश्य है कि बच्चे प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही सॉफ्टवेयर अपडेशन आदि तकनीकी शिक्षा के बारे में मानसिक व बौद्धिक रूप से तैयार हों। शिक्षा के प्राथमिक स्तर से ही तकनीकी कौशल का विकास होने से परंपरागत शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा के लिए नई पीढ़ी तैयार हो पाएगी। बच्चे एआई व कंप्यूटर सॉफ्टवेयर आधारित कार्यक्रमों के बारे में प्राथमिक स्तर से ही जागरूक होंगे, तो कैरियर के बारे में उनके सामने कई विकल्प तैयार होंगे। उन्हें वर्तमान युग के अनुसार एआई एवं कंप्यूटर आधारित ज्ञान होगा।
काफी सरल प्रक्रिया , हिन्दी में सीखेंगे कोडिंग
कोड-चूरू कार्यक्रम में विद्यार्थी हिन्दी भाषा में कोडिंग सीखते हैं और उनको कार्यक्रम में इनरोल करना भी काफी सरल प्रक्रिया है। विद्यालयों को सबसे पहले कोडयोगी एनजीओ द्वारा दिए गए लिंक से विद्यालय का यू-डाइस कोड डालकर लिंक जनरेट करना होता है। जनरेटेड लिंक को कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को व्हाट्सएप्प पर पहुंचाया जाता है। छात्रा दिए गए लिंक पर क्लिक करके टेलीग्राम एप्प के माध्यम से कोर्स के लिए पंजीकरण करते हैं। कोर्स में छात्रों को बेसिक से हाई लेवल तक प्रोग्रामिंग सिखाई जाती है। टेलीग्राम एप्प पर कोर्स के दौरान छोटे-छोटे वीडियो प्राप्त होते हैं। छात्रा वीडियो देखकर कोडयोगी द्वारा दिए गए असाइनमेंट पूरे करता है और छात्रा का लेवल अपडेट होता जाता है।
कोर्स पूरा होने पर नौकरी के अवसर भी
जिलेे के सभी सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया कोड चूरू कार्यक्रम बच्चों के लिए पूर्णतया निःशुल्क है। कार्यक्रम ऑनलाइन, स्मार्टफोन आधारित व हिन्दी में बनाया गया है। कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के 9 वीं से 12 वीं कक्षा के बच्चे शामिल है। शिक्षा की गुणवत्ता और नियमितता सुनिश्चित करते हुए आईआईटी की टीम हिंदी भाषा में बच्चों को कोडिंग व सॉफ्टवेयर अपडेशन आदि तकनीकी शिक्षा की जानकारी देती है। इसी के साथ बच्चों को पूरा कोर्स मोबाइल फोन पर पूरा करने की सहूलियत भी है। कोड चूरू कार्यक्रम अंतर्गत कोर्स पूरा करने पर बच्चों को सर्टिफिकेट दिया जाता है और ग्रेजुएशन के लिए पूरी स्कॉलरशिप भी दी जाती है। साथ ही स्कूल पूरा करते ही पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप और नौकरी के भी अवसर मिलेंगे।
आज तक 360 स्कूलों के 4105 विद्यार्थियों का पंजीकरण
अभी तक जिले में मॉनिटरिंग टीम द्वारा जिले के कुल 604 विद्यालयों में से 360 विद्यालयों व 4105 विद्यार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है।
रोजगार आधारित प्रशिक्षण देना उद्देश्य
कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एआई व सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ना और रोजगार आधारित प्रशिक्षण देना है। इसी के साथ स्कूली शिक्षा को रोचक व रचनात्मक बनाते हुए स्कूली शिक्षा के बाद आईटी क्षेत्रा में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने पर मूल रूप से केन्द्रित यह कार्यक्रम है। कोड चूरू कार्यक्रम में रोचक व शानदार कोर्स शामिल किए गए है। इन कोर्स में एचटीएमएल एंड सीएसएस, जावा स्क्रिप्ट एंड टाइप स्क्रिप्ट, रिएक्ट, रिडक्स, नोड डॉट जेएस, रिलेशनल डीबी, एसक्यूएल, गिट व एडब्ल्यूएस शामिल हैं।
प्रभावी मॉनीटरिंग व क्रियान्वयन
कार्यक्रम के समुचित क्रियान्वयन के लिए प्रभावी मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में जिले के सभी सरकारी स्कूलोें में कोड चूरू कार्यक्रम शुरू करवाने की कार्य योजना तैयार की गई है। कार्य योजना को धरातल पर क्रियान्वन हेतु एक जिला स्तरीय मॉनीटरिंग टीम का गठन किया गया है। इस मॉनीटरिंग टीम में कुल आठ सदस्यों के माध्यम से शीतकालीन अवकाश से पूर्व समस्त विद्यालयों को कोड चूरू के माध्यम से कोडयोगी प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम और उनसे जुड़ी जानकारी जिले में संचालित कक्षा 9 से 12 तक के कुल 604 विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश से पूर्व व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाएगी। कोड योगी से जुड़े विद्यार्थियों के लिए कोड योगी से जुड़ी प्रक्रियाओं को समझाने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध करवाए गए हैं। इसी के साथ प्रधानाचार्यों को दूरभाष पर कार्यक्रम के संदर्भ में अवगत करवाया जा रहा है।

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